विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रैक्टिकल नॉलेज को साकार करेगा आइडिया लैब।

 इस तरह के लैब भारत के सभी राज्य में स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विस्तार अच्छे ढंग से हो सके और नई शिक्षा नीति में जिस प्रैक्टिकल एजुकेशन की बात की गई है उसमें भी यह सहायक सिद्ध हो सके।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रैक्टिकल नॉलेज को साकार करेगा आइडिया लैब।

AICTE और GJUS&T के बीच आइडिया लैब का हुआ करार

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में स्थापित होने जा रहे हैं आइडिया लैब कि रूपरेखा और कार्यशैली को लेकर AICTE और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच की गई गहन मंथना। जिसमें की AICTE दिल्ली, इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट सेल के सलाहकार डॉ.नीरज सक्सेना, आइडिया लैब के चीफ मेंटर और मैकेनिकल विभाग के प्राध्यापक प्रो.पंकज खटक, आइडिया लैब के दोनों समन्वयक इलेक्ट्रिकल विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.सुमित सरोहा और इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.विजयपाल, सभी इंजीनियरिंग विभाग के चेयरपर्सन, शहर के स्कूलों और कल-कारखानों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रैक्टिकल नॉलेज को साकार करेगा आइडिया लैब।

 इस मीटिंग में डॉक्टर नीरज सक्सेना ने आइडिया लैब पे अपनी प्रजेंटेशन और AICTE कि उससे जुड़ी नियम और शर्तों से सबको अवगत करवाया और सभी को आइडिया लैब के आइडिया से रुबरु करवाया। जिसमें विशेषकर उन्होंने बच्चों के प्रैक्टिकल नॉलेज और कौशल विकास पर जोड़ देने के लिए कहा, उन्होंने बताया कि बच्चों की रुचि बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय और शिक्षकों को आगे आना होगा और पढ़ाई को मजेदार बनाना होगा, जिससे बच्चे पढ़ाई के प्रति आकर्षित हो सके और बहुत ही मजेदार ढंग से सब कुछ सीख सके। 

फिर उन्होंने आइडिया लैब में आने वाले कुल खर्च जो कि 1.10 करोड़ हैं उसके बारे में बताया। जिसमें की आधा खर्च विश्वविद्यालय और आधा खर्च AICTE वहन करेगी। उन्होंने आगे बताया कि मुझे बहुत खुशी हो रही है यह कहते हुए कि सभी टेक्निकल और पेपर वर्क को पूरा कर लिया गया है और पैसे भी विश्वविद्यालय को जारी कर दिए गए और परिस्थितियां ऐसी ही बनी रहती हैं तो कुछ 5 महीने में आइडिया लैब का यह सपना फलीभूत होता दिखाई देगा। जिससे कि न सिर्फ गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के बच्चे लाभान्वित होंगे अपितु हिसार और अगल-बगल के शहरों के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालय-महाविद्यालयों के बच्चे और यहां की मिनी और माइक्रो इंडस्ट्री के लोग हैं भी इससे लाभ उठा सकेंगे। 

यह एक ऐसा लैब होगा जिसका प्रयोग कोई भी कर सकता है और इस लैब में कोई बंदिश नहीं रखी जाएगी। बच्चे खुद से सभी उपकरणों को चला सकेंगे और सब कुछ अपने हाथों से करके उस विषय का पूरा ज्ञान प्राप्त कर सकें। फिर उन्होंने आगे बताया कि इस तरह के लैब भारत के सभी राज्य में स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विस्तार अच्छे ढंग से हो सके और नई शिक्षा नीति में जिस प्रैक्टिकल एजुकेशन की बात की गई है उसमें भी यह सहायक सिद्ध हो सके।

इसके बाद आइडिया लैब की चीफ मेंटर प्रोफेसर पंकज खटक ने सभी के सामने अपनी बातों को रखा और विश्वविद्यालय में बनने जा रहे इस लैब के बारे में सभी को सुनियोजित ढंग से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से भी आवाहन किया वे अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा को पहचाने और उसको निखार कर उसके सहारे आगे बढ़े। 

उन्होंने बताया कि उन्हें बहुत ही प्रसन्नता हो रही है कि विश्वविद्यालय और शहर के बच्चे इस आइडिया लैब से इतना लाभ उठा सकेंगे और यह शायद यहां की शिक्षा व्यवस्था को पुरी तरह से बदल कर रख देगा और पूरी तरीके से बच्चों को प्रैक्टिकल एजुकेशन की तरफ मोड़ देगा। वही लैब समन्वयक डॉ. विजयपाल ने भी खुशी जाहिर की। वहीं डॉ सुमित ने आइडिया लैब को आज के समय की मांग बताया। उन्होंने बोला कि बच्चों को थ्योरीटिकल नॉलेज के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज देना आवश्यक है। जिससे कि बच्चे उस विषय को पूरी तरीके से समझ सकें और उसमें महारत हासिल कर सकें। वहां उपस्थित सभी ने मीटिंग में इस बात के लिए हर्ष जताया की आइडिया लैब अब कुछ ही महीनों में विश्वविद्यालय में साकार होने वाला है। 

वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय पिछले कई  वर्षों से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में लगा हुआ है। विश्वविद्यालय में भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग हैं। ये विभाग व्यापक क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास से संबंधित प्रयोगशालाओं और उपकरणों से सुसज्जित हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज ने अपार हर्ष जाहिर किया और आगे कि सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं सबको प्रेषित किया।

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