जाने कौन हैं, NDA की राष्ट्रपति पद की आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू

 समाज के प्रति निस्वार्थ निष्ठा और जनकल्याण की भावना के कारण राजनीति में उनका कद बढ़ता गया, फिर बाद में वो दो बार 2000 से 2009 तक रायरंगपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट से विधायक भी बनी।

जाने कौन हैं, NDA की राष्ट्रपति पद की आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू

सत्ताधारी भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)  ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में आदिवासी महिला और राजनीतिज्ञ श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को सर्व सहमति से चयनित किया है। इसकी घोषणा विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में श्री यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा होने के कुछ समय बाद ही किया गया था.

अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाती हैं, जिसकी संभावना काफी ज्यादा है , तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गौरव का दिन होगा, क्योंकि द्रौपदी मुर्मू भारत की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी । प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा है कि वो एक महान और कर्मठ राष्ट्रपति साबित होंगी । 

राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित होने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपनी खुशी जाहिर की, और यह आश्वासन भी दिया है, कि वो समाज और देश के लिए हमेशा पूरी निष्ठा और सर्मपण से काम करती रहेंगी और इस सबसे बड़े संवैधानिक पद की गरिमा को सदैव बनाए रखेंगी । 

इससे पहले द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप मे कार्यरत थीं। इस पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपने गृह राज्य उड़ीसा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर मैं रह रहीं थी ।

द्रौपदी मुर्मू का निजी और राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा रहा है, उनका जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था । 

उन्होंने 1979 में भुवनेश्वर के रामादेवी कॉलेज से b.a. पास की, इसके बाद उन्होंने सिंचाई और ऊर्जा विभाग में जूनियर सहायक की नौकरी की, बाद में वह अध्यापिका भी बनी ।

राजनीतिक सफ़र

द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत से वार्ड सदस्य का चुनाव जीतकर किया, समाज के प्रति निस्वार्थ निष्ठा और जनकल्याण की भावना के कारण राजनीति में उनका कद बढ़ता गया, फिर बाद में वो दो बार 2000 से 2009 तक रायरंगपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट से विधायक भी बनी। उन्हें 2000 से 2004 तक नवीन पटनायक के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार भी मिला। द्रौपदी मुर्मू को उड़ीसा में मिलने वाला सर्वश्रेष्ठ विधायक का नीलकंठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

द्रौपदी मुर्मू को अनुसूचित जनजाति की उपाध्यक्ष और आदिवासी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य भी बनाया गया । उन्होंने आदिवासियों और अनुसूचित जनजातियों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का काम किया है, ताकि इन पिछड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़कर सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके जिससे उनके जीवन में भी आवश्यक जरूरतों की पूर्ति हो सके ।

वर्ष 2015 में द्रौपदी मुर्मू को झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल बनाया गया, अपने कार्यकाल में उन्होंने बहुत से जन कल्याण कार्य किए, इसी के तहत उन्होंने कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अवश्यक सुधार किये ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके । झारखंड के अनुसूचित जनजातियों और आदिवासियों के कल्याण हेतु उन्होंने आवश्यक कदम उठाए ।

राष्ट्रपति पद की चुनाव

राष्ट्रपति के उम्मीदवार घोषित होने के बाद उन्हें Z+ की सुरक्षा दे दी गई है । अगर राष्ट्रपति चुनाव की बात करें तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है, और संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार नए राष्ट्रपति का चुनाव इससे पहले हो जाना चाहिए, इसीलिए राष्ट्रपति का चुनाव आगमी 18 जुलाई को होना निर्धारित है, और परिणाम 21 जुलाई को आना है ।

अगर विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार की बात करें तो विपक्ष के ओर से मैदान में हैं, भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, जो हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद हैं, इसके साथ-साथ वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस ऑफिसर) के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं । पहले वो भाजपा में ही थे, लेकिन पार्टी से मनमुटाव के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दिया, फिर उन्होने तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। अब जब उनका नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में सामने आया है, तो उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया है, और अपना पूरा ध्यान राष्ट्रपति चुनाव की ओर लगा दिया है ।

राष्ट्रपति चुनाव जीतने की संभावना

देश के अगले राष्ट्रपति के चुने जाने की संभावनाओं की बात करें तो एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी नजर आ रहा है । इसका कारण एनडीए के बहुमत में होने के साथ-साथ द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी जनजाति के नेतृत्व का एक सुदृढ़ चेहरा माना जाना भी है, जिसके कारण बहुत से विपक्ष की पार्टीयाँ जैसे उडिसा की बीजू जनता दल, झारखंड की अनेक आदिवासी पार्टीयाँ द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे सकती है । इससे यह कहा जा सकता है, कि हमारे देश में दूसरी महिला और प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में द्रोपती मुर्मू भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करतीं हुए नजर आ सकती हैं। 

आप किसे राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते हुए देखना चाहते हैं, अपने विचार अवश्य साझा करें ।



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