Bihar: रास्ते मे गिर जाने से अर्पणा को काफी चोट आ गई थी, मगर उनके हौसले को कभी चोट नहीं आई। जख्मी हाथ-पैर होने के बावजूद भी नहीं रुकी और आगे बढ़ते गई। यह नारी सशक्तिकरण का एक जीता जागता उदाहरण है;
Bihar: रास्ते मे गिर जाने से अर्पणा को काफी चोट आ गई थी, मगर उनके हौसले को कभी चोट नहीं आई। जख्मी हाथ-पैर होने के बावजूद भी नहीं रुकी और आगे बढ़ते गई। यह नारी सशक्तिकरण का एक जीता जागता उदाहरण है;
*दोनों हाथ और पैर पर चोट लगने के बाद भी साइकलिंग कर रही है*
बिहारशरीफ:-यूं ज़मीन पर बैठ क्यों आसमान देखता है। खोल पंखों को ये ज़माना उड़ान देखता है।
जी हाँ इसी उद्देश्य के साथ नालन्दा के मेघि गाँव की शेरनी बेटी अर्पणा सिन्हा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साइकलिंग से बिहार के 38 जिले का सफर अकेले ही तय कर रही है। रास्ते मे गिर जाने से अर्पणा को काफी चोट आ गई थी मगर उनके हौसले को कभी चोट नहीं आई। जख्मी हाथ-पैर होने के बावजूद भी नहीं रुकी और आगे बढ़ते गई।
मीडिया से बातचीत के दौरान अर्पणा सिन्हा ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, महिलाओं में खुद के फैसले में स्वतंत्रता लाना इस सफर का अहम उद्देश्य है। अर्पणा 16 दिनों में 21 जिले का सफर तय कर चुकी है। इसी के साथ उन्होंने 15वें दिन सीतामढ़ी पहुंची है।वहां डीएसपी सुबोध कुमार ने बुके और शॉल देकर स्वागत किया है। सीतामढ़ी डीएसपी सुबोध कुमार ने अर्पणा के इस हौसले को सलाम किया उन्होंने आगे इस सफर के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी। इस क्रम में विवेक(फोटोग्राफर)ने टीशर्ट एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया, इस मौके पर किशन,अमरेंद्र गुप्ता, स्माइली सुमन,विवेक कुमार, किशन कुमार,अमित दा,रंजीत पूर्वे उपस्थित रहे।