एक विश्वसनीय और राष्ट्रवादी मुस्लिम चेहरा होने के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए भी उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे बड़े संवैधानिक पद के उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

एक विश्वसनीय और राष्ट्रवादी मुस्लिम चेहरा होने के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए भी उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे बड़े संवैधानिक पद के उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
मोदी सरकार के मंत्री मंडल में एक विश्वसनीय मुस्लिम चेहरा के रूप अपनी पहचान बनाने वाले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद लिया गया था।
आपको बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी अब ना सांसद हैं, और ना ही केंद्रीय मंत्री, इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं, कि उन्हें राज्यसभा की सदस्यता दिलाई जाएगी और इससे भी ज्यादा उनका नाम उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए भी चर्चा में है।
एक विश्वसनीय और राष्ट्रवादी मुस्लिम चेहरा होने के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए भी उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे बड़े संवैधानिक पद के उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
देश में बढ़ते धार्मिक उन्माद को देखते हुए भी यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन एक ऐसे ही विश्वसनीय मुस्लिम चेहरे की तलाश में थी, जिसे उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाए, मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा आरिफ मोहम्मद खान जो केरल के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं, इनके नाम पर भी विचार किया गया था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है, कि मुख्तार अब्बास नकवी के नाम पर अंतिम मोहर लग चुकी है।
मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री थे, अब उनके इस मंत्रालय की जिम्मेदारी स्मृति ईरानी को सौंप दी गई है ।
राष्ट्रपति के रूप में आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति के रूप में एक मुस्लिम चेहरा उतारना यह दिखाता है कि, मोदी सरकार अल्पसंख्यकों और आदिवासी एंव पिछड़े और दलित लोगों को शीर्ष नेतृत्व देकर उन्हें साधने का प्रयास कर रही है।